करवा चौथ पर पूजा करने की विधि

जाने कैसे

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करवा चौथ के दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साथ सूथरे वस्त्र धारण कर लें।

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इसके बाद इस मंत्र का उच्चारण करके व्रत का संकल्प लें- 'मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये'।

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सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण कर लें। इसके बाद दिनभर निर्जला व्रत रखें। 

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अब थोड़े से चावल भिगोकर पीस लें। इसी चावल से करवा को रंग लें। करवा में गेहूं, चावल और उसके ढक्कन में शक्कर  भर दें। करवा में महावर से चित्र भी बना सकते हैं। 4इसके साथ ही आठ पूरियां  और मीठे में  खीर बना लें।

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अब पीली मिट्टी की मदद से मां पार्वती की प्रतिमा बना लें। अब मूर्ति को एक चौकी में कपड़ा बिछाकर रख दें। इसके बाद विधिवत पूजा करें। मां पार्वती श्रंगार आदि चढ़ाएं। इसके साथ ही एक कलश में जल भरकर रख दें।

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पति की लंबी आयु की कामना करते हुए इस मंत्र को बोले-''ऊॅ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥''

इसके बाद करवा में 13 बिंदी रखें। घी का दीपक और धूप जला दें।

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इसके बाद हाथों में 13 दाने गेहूं के लेकर करवा चौथ की कथा सुन लें। अब एक लोटे में जल लें और 13 दाने भी अलग रख दें। इसके बाद दिनभर व्रत रखें।

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शाम को चंद्रमा निकलने के बाद विधिवत पूजा करने के साथ जसल से अर्घ्य दें। 

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इसके बाद दीपक आदि जलाकर छलनी से चंद्रमा देखने के साथ पति की शक्ल देखे। इसके बाद जल ग्रहण कर लें।

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